हम परदेसी हम परदेसी पंछी बाबा | Sant Kabir Bhajan | Hum Pardesi Hum Pardesi Panchi Baba |

हम परदेसी हम परदेसी पंछी बाबा | Sant Kabir Bhajan | Hum Pardesi Hum Pardesi Panchi Baba | Rutuja Sunil Khandbahale

हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देस रा नाहीं, हो
अणी देस रा, लोग अचेता
पल पल पर पछ्ताई, भाई संतो
अणी देसरा नाहीं…

मुख बिन गाना, पग बिन चलना
बिना पंख उड़ जाई, हो
बिना मोह की सूरत हमारी
अनहद मे रम जाई, भाई संतो
अणी देसरा नाहीं…

छाया बैठूं, अगनी व्यापे,
धूप अधिक सितलाई, हो
छाया धूप से सतगुरु न्यारा
हम सतगुरु के मांही, भाई संतो
अणी देसरा नाहीं…

आठों पहर अडग रहे आसन
कदे न उतरे साईं, हो
मन पवना दोनों नहीं पहुंचे
उन्ही देस रा मांही, भाई संतो
अणी देसरा नाहीं…

निरगुण रूपी है मेरे दाता
सरगुण नाम धराई, हो जी
कहे कबीर सुनो भाई साधो
साहब है घट मांही, भाई संतो
अणी देसरा नाहीं…

Singing Credits : Rutuja Sunil Khandbahale
Master : Sunil Shivaji Khandbahale

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